Pitru Paksha 2020 date: पितृपक्ष कब से आरंभ हो रहा है, क्या है महत्व जानें
Pitru Paksha 2020 date: पितृपक्ष कब से आरंभ हो रहा है, क्या है महत्व जानें
1/5पितृपक्ष का आरंभ, पहला पितृ पक्ष श्राद्ध कब
भाद्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि से हर साल पितृ पक्ष का आरंभ होता है। इस वर्ष भी पितरों की पूजा का पक्ष जिसे कुछ लोग श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं वह 2 सितंबर से शुरू हो रहा है। लेकिन पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध अगस्त मुनि को होता है जो भाद्र शुक्ल पूर्णिमा को लगता है। इस बार भाद्र पूर्णिमा 1 सितंबर को है इसलिए अगस्त मुनि के नाम से इसी दिन पूजन किया जाएगा। प्रतिपदा का पहला पितृ श्राद्ध 1 सितंबर को होगा।
2/5पितृपक्ष का महत्व
पितृपक्ष में हर साल पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और हवन आदि किया जाता है। सभी लोग अपने-अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसार, उनका श्राद्ध करते हैं। माना जाता है कि जो लोग पितृपक्ष में पितरों का तर्पण नहीं करते उन्हें पितृदोष लगता है। श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को तृप्ति और शांति मिलती है। वे आप पर प्रसन्न होकर पूरे परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
3/5गया में नहीं हो सकेगा श्राद्ध
हर साल लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए गया जाकर पिंडदान करते हैं। मगर इस बार कोरोनाकाल में यह संभव नहीं दिख रहा है। बिहार सरकार ने ये फैसला किया है कि इस बार लोगों के गया जाकर पिंडदान करने पर रोक रहेगी और सभी लोग अपने घर पर कर्मकांड और दान कर पाएंगे।
4/5पितृपक्ष का समापन कब
इस साल पितृपक्ष का का समापन 17 सितंबर को होगा और मलमास आरंभ हो जाएगा। अंतिम श्राद्ध यानी अमावस्या श्राद्ध 17 सितंबर को किया जाएगा। पूर्णिमा का श्राद्ध 2 सितंबर को होगा जबकि पंचमी का श्राद्ध 7 सितंबर को किया जाएगा। पितृपक्ष के दौरान 13 अगस्त को एकादशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकेगा।
5/5श्राद्ध पक्ष में यमराज करते हैं ऐसा
ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में यमराज मृत जीवों को मुक्त कर देते हैं ताकि वे अपने परिजनों के यहां जाकर तर्पण ग्रहण करें और पूरे परिवार को आशीर्वाद देकर जाएं। श्राद्ध की उत्पत्ति श्रृद्धा से हुई है। यानी कि अपने पितरों के प्रति सच्ची श्रृद्धा रखने का पर्व। दुनिया से विदा हो चुके पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए सच्ची भावना के साथ जो तर्पण किया जाता है, बस उसे ही श्राद्ध कहते हैं।
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