इस दिन है भाद्रपद अमावस्या, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय

 

Bhadrapada Amavasya 2020: इस दिन है भाद्रपद अमावस्या, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय



Bhadrapada Amavasya 2020 Vrat: भाद्रपद (भादो) के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या कहते हैं। इसे भादो अमावस्या या पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती ने पिठोरी अमावस्या व्रत का महत्व बताया था। सनातन धर्म में भादो अमावस्या का विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन दान और पितृ तर्पण का महत्व होता है। इस दिन को कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी उत्तम माना गया है। इस साल भाद्रपद अमावस्या व्रत 18 अगस्त 2020 को रखा जाएगा।

भाद्रपद अमावस्या तिथि और मुहूर्त (Bhadrapada Amavasya 2020 Date and Subh Muhurat)-



भाद्रपद अमावस्या आरंभ- 18 अगस्त 2020 को  10:41 AM से।
भाद्रपद अमावस्या समाप्त- 19 अगस्त 2020 को 08:11 AM तक।

भाद्रपद अमावस्या का महत्व (Bhadrapada Amavasya Significance)-


शास्त्रों के अनुसार, भादो अमावस्या भगवान कृष्ण को समर्पित होती है। अमावस्या पूजा के लिए कुशा (हरी घास) का इस्तेमाल किया जाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, भाद्रपद अमावस्या सोमवार को पड़ती है तो, एक ही कुशा का इस्तेमाल 12 साल तक किया जा सकता है।
भाद्रपद अमावस्या के दिन करें ये उपाय-
प्रात:काल किसी नदी, कुंड या तालाब में स्नान करें। सूर्यदेव को जल और बहते जल में तिल अर्पित करना शुभ माना जाता है।



पूर्वजों को पिंड दान अर्पित करें और गरीबों को दान करें। कहते हैं कि ऐसा करने सा पूर्वजों को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है।
अमावस्या को शनिदेव का दिन मानते हैं। इसलिए इस दिन शनिवदेव की पूजा का विशेष महत्व है।

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