इस बार2020 गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना का शुभ मुहुर्त जानिए क्‍या है

 

इस बार2020 गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना का शुभ मुहुर्त जानिए क्‍या है


इस वर्ष गणेश या विनायक चतुर्थी 22 अगस्‍त दिन शनिवार को है। इस दिन दक्षिण भारत की तरह उत्‍तर भारत में भी गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक लोग अपने-अपने घरों में गणपति जी को लाकर विराजमान करते हैं और श्रद्धापूर्वक पूजन, आरती, भोग और विसर्जन के कार्यक्रम होते हैं। दो से दस दिन तक चलने वाला यह पर्व लोग श्रद्धापूर्वक मनाते हैं। 
ज्‍योतिषाचार्य पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि गणेश जी बुद्धि, विवेक, धन-धान्‍य, रिद्धि-सिद्धि के स्‍वामी हैं। उनको प्रसन्‍न्‍न करने से पूरे वर्ष घर में शुभ प्रभाव रहते हैं। लेकिन इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर अशुभ योग बन रहे हैं। शनिवार को हस्‍त नक्षत्र होने से ज्‍योतिष में मृत्‍यु योग बनता है। इस योग को बहुत अशुभ एवं कार्य विनाशक माना गया है। अत: शुभ कार्यों में इस योग का परित्‍याग करते हैं। 
इस दिन चतुर्थी शाम 7:57 बजे तक है और हस्‍त नक्षत्र भी शाम 7:10 बजे तक है। इसलिए पूरे दिन अशुभ मृत्‍यु योग रहेगा। हालांकि समस्‍त अनुष्‍ठान इसी दिन पूरे करने पड़ते हैं। इसके परिहार के लिए शास्‍त्रों में वर्णित चौघडिया मुहूर्त शुभता प्रदान करने वाला बताया गया है।

22 अगस्‍त को दुपहर 12:22 बजे से शाम 4:48 बजे तक चर, लाभ एवं अमृत के चौघड़िया है। इस अवधि में गणपति जी को अपने घर लाकर विराजमान कर सकते हैं। इस अवधि में स्‍थित एवं चर लग्‍न भी शुभ हैं। वैसे भी मध्‍याह्न के पश्‍चात अशुभ एवं क्रूर योगों का प्रभाव कम हो जाता है। भादप्रद शुक्‍ल द्वितीया को चंद्रमा के दर्शन करना निषेध है। जनश्रुति के अनुसार इस तिथि काके चांद के दर्शन करने से एक वर्ष में कोई कलंक या आपेक्ष लग सकता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्‍ण को भी इसका कलंक लग गया था। यदि भूलवश इस दिन चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो प्रात:काल सफेद वस्‍तुओं का दान किसी ब्राह्मणी को करना चाहिए। गणेश जी के किसी भी मंत्र का जाप करना शुभ रहता है। 

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