अष्टमी और नवमी पर हवन जरूर करें।
अष्टमी और नवमी पर हवन जरूर करें।
मित्रों आज का विषय कर्मकांड संबंधित है नवरात्रि उत्सव चल रहा है तो स्वभाविक कि आप अपने घरों में पूजन पाठ आदि कर रहे होंगे
कोई जप कर रहा है कोई पाठ कर रहा है ।
कोई मां भगवती की विशेष आराधना कर रहा है तो यह सबसे उत्तम कार्य है
सोशल मीडिया में मैंने देखा कि कुछ लोग ने कहा कि हवन करने से क्या होगा । क्या हवन करने से सारी समस्या है चली जाए ।
ऐसे हास्य भरें जोक्स ना बनाएं हमारी भारतीय संस्कृति का मुख्य आधार है होम,,,है
तो उनका उत्तर यह है यह जो महामारी है वह भी कहीं ना कहीं भगवती का ही एक रूप है और दुर्गा सप्तशती के 12 वीं अध्याय में एक श्लोक मिलता है।🌹🌹🌹
जो श्लोक इस प्रकार है 👇👇👇
👉🌹✍️ #महाकाल्या_महाकाले_महामारी_स्वरुपया""
👉🌹जिसका अर्थ है कि यहां पर जो ब्रह्मांड में आपको जो भी कुछ दिख रहा है वह सब भगवती का स्वरूप है और यह जो महामारी है वह भी एक भगवती का एक स्वरूप है अब कुछ लोग के मन में मानसिकता बनी होगी कि महामारी कैसे हो सकती है माता जी का रूप।✍️
✍️🌹तो मां मतलब प्रकृति हमने प्रकृति को इतना दूषित कर दिया इतना प्रकृति के साथ खिलवाड़ करा है तो वही मां क्रोध से परिपूर्ण हुई और महामारी का स्वरूप बनाया।
मैं असत्य नहीं कह रहा हूं✍️
👉🌹आप स्वयं सोचिए कि आपने प्रकृति का कितना अपमान करें कहीं पर भी दुख देना पेड़ों को काट देना ।
गंदगी फैलाना यह देवी का अपमान नहीं है तो क्या है,,,?✍️
✍️🌹 स्त्रियों का सम्मान नहीं करना स्त्रियों के प्रति गलत भावना रखना यह सब देवी का अपमान है फिर कहीं ना कहीं वही हमें उसी का फल प्राप्त हो रहा है महामारी के रूप में,,,,✍️
✍️🌹इसलिए अब मां के क्रोध को शांत करने के लिए केवल हम प्रार्थना कर सकते हैं कोई मंत्र के द्वारा करता है कुछ लोग के द्वारा करता है तो सब अपने अपने प्रकार से प्रार्थना करते हैं।
✍️🌹तो आप तो वैसे नवरात्रि में पूजन पाठ अधिक कर ही रहे होंगे तो उसमें एक और मेरी बात आप जरूर माने
👉🌹की अष्टमी या नवमी दोनों में से एक दिन अपने घर पर हवन कराएं और मां भगवती से प्रार्थना करें कि इस महामारी कांप का जो स्वरूप है वह शांत हो ऐसी मंगल में प्रार्थना भगवती से करें।
✍️🌹ज्योतिषी आधार पर में चर्चा करो तो वायुमंडल में जो हवा व्याप्त है दूषित हवा वह राहु है
और जो हम मंत्रों के माध्यम से हवन यज्ञ आदि करते हैं तो इनसे जो उठने वाला धुआं है वह है शुद्ध राहु मतलब जब शुध्द हवन का धुंआ।
पूरे आकाश मंडल में जाएगा आपके घर में जाएगा तो वहां के वातावरण को शुद्ध कर देगा और जो दूसरी दुआ है उसको बाहर निकाल देगा।
✍️🌹जिस प्रकार गंदा पानी ठहरा होता है और अच्छा पानी जब आता है तो वह गंदे पानी को बाहर निकाल लेता है और अच्छा पानी वह हो जाता है उसी प्रकार यह सुधरा हो से यह महामारी पर भी काबू पाया जा सकता है।
पर मैंने पहले भी पोस्ट की है जिसमें इस महामारी के अंत का समय भी लिखा हुआ है
तो आप अष्टमी और नवमी के दिन हवन करवाएं ।
और यदि कोई वहां पर आपको ब्राह्मण नहीं मिल पा रहे हैं। तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं,,,,
ऑनलाइन वीडियो कॉल के माध्यम से आपका हवन का सारा कर्म कराया जाएगा
आपने इतना मुझे पड़ा उसके लिए धन्यवाद...🙏🙏🙏
यदि पोस्ट अच्छी लगे तो लाइक और शेयर जरूर करें।
मित्रों आज का विषय कर्मकांड संबंधित है नवरात्रि उत्सव चल रहा है तो स्वभाविक कि आप अपने घरों में पूजन पाठ आदि कर रहे होंगे
कोई जप कर रहा है कोई पाठ कर रहा है ।
कोई मां भगवती की विशेष आराधना कर रहा है तो यह सबसे उत्तम कार्य है
सोशल मीडिया में मैंने देखा कि कुछ लोग ने कहा कि हवन करने से क्या होगा । क्या हवन करने से सारी समस्या है चली जाए ।
ऐसे हास्य भरें जोक्स ना बनाएं हमारी भारतीय संस्कृति का मुख्य आधार है होम,,,है
तो उनका उत्तर यह है यह जो महामारी है वह भी कहीं ना कहीं भगवती का ही एक रूप है और दुर्गा सप्तशती के 12 वीं अध्याय में एक श्लोक मिलता है।🌹🌹🌹
जो श्लोक इस प्रकार है 👇👇👇
👉🌹✍️ #महाकाल्या_महाकाले_महामारी_स्वरुपया""
👉🌹जिसका अर्थ है कि यहां पर जो ब्रह्मांड में आपको जो भी कुछ दिख रहा है वह सब भगवती का स्वरूप है और यह जो महामारी है वह भी एक भगवती का एक स्वरूप है अब कुछ लोग के मन में मानसिकता बनी होगी कि महामारी कैसे हो सकती है माता जी का रूप।✍️
✍️🌹तो मां मतलब प्रकृति हमने प्रकृति को इतना दूषित कर दिया इतना प्रकृति के साथ खिलवाड़ करा है तो वही मां क्रोध से परिपूर्ण हुई और महामारी का स्वरूप बनाया।
मैं असत्य नहीं कह रहा हूं✍️
👉🌹आप स्वयं सोचिए कि आपने प्रकृति का कितना अपमान करें कहीं पर भी दुख देना पेड़ों को काट देना ।
गंदगी फैलाना यह देवी का अपमान नहीं है तो क्या है,,,?✍️
✍️🌹 स्त्रियों का सम्मान नहीं करना स्त्रियों के प्रति गलत भावना रखना यह सब देवी का अपमान है फिर कहीं ना कहीं वही हमें उसी का फल प्राप्त हो रहा है महामारी के रूप में,,,,✍️
✍️🌹इसलिए अब मां के क्रोध को शांत करने के लिए केवल हम प्रार्थना कर सकते हैं कोई मंत्र के द्वारा करता है कुछ लोग के द्वारा करता है तो सब अपने अपने प्रकार से प्रार्थना करते हैं।
✍️🌹तो आप तो वैसे नवरात्रि में पूजन पाठ अधिक कर ही रहे होंगे तो उसमें एक और मेरी बात आप जरूर माने
👉🌹की अष्टमी या नवमी दोनों में से एक दिन अपने घर पर हवन कराएं और मां भगवती से प्रार्थना करें कि इस महामारी कांप का जो स्वरूप है वह शांत हो ऐसी मंगल में प्रार्थना भगवती से करें।
✍️🌹ज्योतिषी आधार पर में चर्चा करो तो वायुमंडल में जो हवा व्याप्त है दूषित हवा वह राहु है
और जो हम मंत्रों के माध्यम से हवन यज्ञ आदि करते हैं तो इनसे जो उठने वाला धुआं है वह है शुद्ध राहु मतलब जब शुध्द हवन का धुंआ।
पूरे आकाश मंडल में जाएगा आपके घर में जाएगा तो वहां के वातावरण को शुद्ध कर देगा और जो दूसरी दुआ है उसको बाहर निकाल देगा।
✍️🌹जिस प्रकार गंदा पानी ठहरा होता है और अच्छा पानी जब आता है तो वह गंदे पानी को बाहर निकाल लेता है और अच्छा पानी वह हो जाता है उसी प्रकार यह सुधरा हो से यह महामारी पर भी काबू पाया जा सकता है।
पर मैंने पहले भी पोस्ट की है जिसमें इस महामारी के अंत का समय भी लिखा हुआ है
तो आप अष्टमी और नवमी के दिन हवन करवाएं ।
और यदि कोई वहां पर आपको ब्राह्मण नहीं मिल पा रहे हैं। तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं,,,,
ऑनलाइन वीडियो कॉल के माध्यम से आपका हवन का सारा कर्म कराया जाएगा
आपने इतना मुझे पड़ा उसके लिए धन्यवाद...🙏🙏🙏
यदि पोस्ट अच्छी लगे तो लाइक और शेयर जरूर करें।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें