कैसा होना कैसा होना चाहिए प्रवेश द्वार,

कैसा होना कैसा होना चाहिए प्रवेश द्वार, अपना घर बनवा रहे हैं तो जान लीजिए वास्तु की 12 जरूरी बातें

घर की खूबसूरती में उसके मुख्य प्रवेश द्वार का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जिसका वास्तु के अनुरूप होना घर में खुशियों के प्रवेश का शुभ संकेत माना जाता है। घर का खूबसूरत प्रवेश द्वार आपको घर के भीतर झांकने का प्रथम निमंत्रण देता है। आगंतुकों को घर में प्रवेश हेतु आकर्षित करने वाले घर के मुख्य प्रवेश द्वार का वास्तुसम्मत होना आपके घर में खुशियों व सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का संकेत है।

आइए जानिए कैसा हो हमारे घर का प्रवेश द्वार..

1* घर के मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाजा घर के अन्य दरवाजों की अपेक्षा आकार में बड़ा होना चाहिए। इससे घर में भरपूर मात्रा में रोशनी का प्रवेश हो सके।

2* घर के मुख्य द्वार पर अपनी धार्मिक मान्यतानुसार कोई भी मांगलिक चिन्ह (स्वस्तिक, ॐ, कलश, क्रॉस आदि) लगाएं।

3* घर का मुख्य दरवाजा दो फाटक वाला तथा भीतर की ओर खुलने वाला होना चाहिए।

4* घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसके पुर्जों में जंग या किसी अन्य वजह से चरमराहट जैसी कोई आवाज नहीं होना चाहिए।

5* घर के प्रवेश द्वार पर देहरी होना चाहिए।

6* आपके घर का मुख्य प्रवेश द्वार ऐसा होना चाहिए कि उसके ठीक सामने किसी अन्य घर का प्रवेश द्वार न हो।

7* घर के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक पास अंडरग्राउंड टैंक नहीं होना चाहिए।

8* वास्तु के अनुसार घर के भीतर व बाहरी प्रवेश द्वार पर गंदगी या कूड़ा-कर्कट नहीं होना चाहिए। इससे भवन में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में बीमारियों का वास होता है।

9 * यदि हम घर के मुख्य दरवाजे के अन्य दरवाजों से आकार में बड़ा होने की बात करें तो इसका मतलब है कि घर में अधिक से अधिक रोशनी का प्रवेश होना है, जिसे घर में अंधेरेपन को दूर करने व स्वास्थ्य के हिसाब से बेहतर माना जाता है।

10* घर के सामने किसी ओर के घर का मुख्य दरवाजा होना वास्तु के हिसाब से सही नहीं माना गया है।

11 * घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसका आवाज करना घातक होता है। यह जीवन में अचानक आनेवाली परेशानियों का संकेत भी है।

12* दरवाजे के ठीक पास अंडरग्राउंड ट्रैंक का होना वास्तु की दृष्टि से शुभ नहीं माना गया है। अत: इस प्रकार का भवन बनाने से बचना चाहिए। प्रवेश द्वार, अपना घर बनवा रहे हैं तो जान लीजिए वास्तु की 12 जरूरी बातें

घर की खूबसूरती में उसके मुख्य प्रवेश द्वार का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जिसका वास्तु के अनुरूप होना घर में खुशियों के प्रवेश का शुभ संकेत माना जाता है। घर का खूबसूरत प्रवेश द्वार आपको घर के भीतर झांकने का प्रथम निमंत्रण देता है। आगंतुकों को घर में प्रवेश हेतु आकर्षित करने वाले घर के मुख्य प्रवेश द्वार का वास्तुसम्मत होना आपके घर में खुशियों व सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का संकेत है।

आइए जानिए कैसा हो हमारे घर का प्रवेश द्वार..

1* घर के मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाजा घर के अन्य दरवाजों की अपेक्षा आकार में बड़ा होना चाहिए। इससे घर में भरपूर मात्रा में रोशनी का प्रवेश हो सके।

2* घर के मुख्य द्वार पर अपनी धार्मिक मान्यतानुसार कोई भी मांगलिक चिन्ह (स्वस्तिक, ॐ, कलश, क्रॉस आदि) लगाएं।

3* घर का मुख्य दरवाजा दो फाटक वाला तथा भीतर की ओर खुलने वाला होना चाहिए।

4* घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसके पुर्जों में जंग या किसी अन्य वजह से चरमराहट जैसी कोई आवाज नहीं होना चाहिए।

5* घर के प्रवेश द्वार पर देहरी होना चाहिए।

6* आपके घर का मुख्य प्रवेश द्वार ऐसा होना चाहिए कि उसके ठीक सामने किसी अन्य घर का प्रवेश द्वार न हो।

7* घर के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक पास अंडरग्राउंड टैंक नहीं होना चाहिए।

8* वास्तु के अनुसार घर के भीतर व बाहरी प्रवेश द्वार पर गंदगी या कूड़ा-कर्कट नहीं होना चाहिए। इससे भवन में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में बीमारियों का वास होता है।

9 * यदि हम घर के मुख्य दरवाजे के अन्य दरवाजों से आकार में बड़ा होने की बात करें तो इसका मतलब है कि घर में अधिक से अधिक रोशनी का प्रवेश होना है, जिसे घर में अंधेरेपन को दूर करने व स्वास्थ्य के हिसाब से बेहतर माना जाता है।

10* घर के सामने किसी ओर के घर का मुख्य दरवाजा होना वास्तु के हिसाब से सही नहीं माना गया है।

11 * घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसका आवाज करना घातक होता है। यह जीवन में अचानक आनेवाली परेशानियों का संकेत भी है।

12* दरवाजे के ठीक पास अंडरग्राउंड ट्रैंक का होना वास्तु की दृष्टि से शुभ नहीं माना गया है। अत: इस प्रकार का भवन बनाने से बचना चाहिए।

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