गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण


प्रेग्नेंसी के पहले महीने में खासतौर पर पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के पास जानकारी का अभाव होता है। कई बार तो उन्हें अपने प्रेग्नेंट होने तक की सही जानकारी नहीं होती है। इसलिए, हम आपको प्रेग्नेंसी के पहले महीने (एक से चार सप्ताह) से संबंधित जानकारियों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में नज़र आने वाले लक्षण | Pregnancy Ka Pehla Mahina
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। इन बदलावों के बारे में सही जानकारी ना होने की वजह से कई बार गर्भवती महिलाएं घबराहट या तनाव का शिकार हो जाती हैं। हालांकि, अगर गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के पहले महीने में नीचे दिए गए लक्षण नज़र आएं, तो उन्हें बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए:
1. मासिक धर्म का रुक जाना:
इसे प्रेग्नेंसी की शुरुआत होने का संकेत माना जाता है। दरअसल, किसी महिला के गर्भवती होते ही उसके शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनना शुरू हो जाता है। इस हार्मोन की वजह से मासिक धर्म बंद हो जाता है।
2. रक्तस्राव और ऐंठन:
जब गर्भाशय में अंडा निषेचित होता है, तब गर्भ धारण करने वाली महिला को हल्का रक्तस्राव हो सकता है और शरीर में ऐंठन महसूस हो सकती है। गर्भधारण करने के एक सप्ताह बाद गर्भवती महिला के शरीर में ये दोनों लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 
3. मूड स्विंग:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला के व्यवहार में काफ़ी उतार-चढ़ाव नज़र आने लगता है। यह उतार-चढ़ाव गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है। इस दौरान गर्भवती महिला का मूड लगातार बदलता रहता है, जैसे कि वह किसी भी बात पर चिढ़ सकती है या उसे बेवजह रोना आ सकता है। 
4. स्तनों का कड़ा होना:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला के स्तन कड़े हो जाते हैं और उनमें हल्का दर्द भी होता है। इस दौरान गर्भवती महिला के स्तनों में थोड़ी सूजन आ सकती है और निप्पल का रंग ज़्यादा गाढ़ा हो सकता है।
5. थकान होना:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में बिना कुछ किए ही गर्भवती महिला को थकान महसूस हो सकती है। इस दौरान उसे सोने में भी परेशानी हो सकती है।
6. बार-बार पेशाब लगना:
शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला को बार-बार पेशाब लगने की समस्या हो सकती है।
7. मॉर्निंग सिकनेस:
गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के पहले महीने में सुबह-सुबह जी मिचलाने, उल्टी होने और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
8. खाने की रुचि और पसंद में बदलाव:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला की खान-पान से जुड़ी रुचि और पसंद में बदलाव नज़र आ सकता है। वह कोई ऐसी चीज़ खाना शुरू कर सकती है, जो उसे पहले पसंद नहीं थी। इस दौरान गर्भवती महिला को बार-बार भूख लग सकती है।
9. सीने में जलन:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला को सीने में जलन की शिकायत हो सकती है, जो सामान्य-सी बात है, इसलिए ऐसा होने पर घबराना नहीं चाहिए। हालांकि, सीने में ज़्यादा जलन होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
10. कब्ज़:
गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण उसे कब्ज़ की शिकायत हो सकती है। प्रेग्नेंसी के पहले महीने में कब्ज़ का होना सामान्य माना जाता है।
11. सूंघने की क्षमता में वृद्धि:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के चलते गर्भवती महिला की सूंघने की क्षमता बढ़ जाती है। 
12. ज़्यादा भूख लगना:
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में गर्भवती महिला की भूख अचानक बढ़ जाती है। वह ज़्यादा मात्रा में आहार लेने लगती है और उसे बार-बार भूख लगने लगती है।
13. सिर में दर्द होना:
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण गर्भवती महिला को सिर दर्द होने की शिकायत हो सकती है।
14. पेट के निचले हिस्से में दर्द होना:
प्रेंग्नेंसी के पहले महीने के दौरान गर्भ में भ्रूण प्रत्यारोपित होता है। इसकी वजह से गर्भवती महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो सकती है।
15. पीठ में दर्द होना:
गर्भावस्था के पहले महीने में गर्भवती महिला को पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। यह गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण है, इसलिए इस दर्द से घबराना नहीं चाहिए।


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