गर्भावस्था के लक्षण



गर्भ ठहरने के लक्षण क्या होते हैं? (kya hote hai pregnancy ke lakshan in hindi)
एक उम्र पर हर महिला को गर्भवती (pregnant in hindi) होने की चाह होती है। माँ बनने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही महिलाएं गर्भ ठहरने के लक्षण यानी प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnant hone ke lakshan) जानने के लिए काफी उत्सुक रहती हैं , लेकिन आपकी गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भ ठहरने के लक्षण (pregnancy symptoms in hindi) दिखाई देने में कभी कभी समय लगता है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण सभी महिलाओं में एक जैसे नहीं होते हैं। एक गर्भवती को जो गर्भ ठहरने के लक्षण महसूस हुए हैं, ज़रूरी नहीं दूसरी गर्भवती भी को भी वही गर्भ ठहरने के लक्षण महसूस हों।
आज हम आपको कुछ ऐसे गर्भ ठहरने के लक्षण बता रहे हैं जो आमतौर पर गर्भावस्था के समय देखे जाते हैं।
गर्भ ठहरने के लक्षण कब दिखते हैं? (Pregnancy ke lakshan kab dikhte hain)
आपकी गर्भावस्था का पहला सप्ताह आपके मासिक धर्म की आखिरी तारीख़ के अनुसार तय होगा। कई लोग अंतिम मासिक धर्म को ही गर्भावस्था का पहला हफ़्ता मान लेते हैं। कुछ महिलाओं में गर्भ ठहरने के लक्षण पहले सप्ताह में ही दिखाई देने लगते हैं, जबकि कई महिलाओं में दो से तीन हफ़्तों का समय भी लग सकता है।


प्रेगनेंसी के बारह (12) लक्षण, जो आमतौर पर दिखते हैं (garbhavastha ke lakshan-common symptoms in hindi)
महीना आने या मासिक धर्म में देरी (late periods during pregnancy)ब्राउन डिस्चार्ज और पेट में हल्का दर्द (brown discharge and cramping in hindi)जी मिचलाना/मॉर्निंग सिकनैस (morning sickness in hindi)स्तनों में सूजन और दर्द (sore breast and breast pain in hindi)मूड स्विंग (mood swings in hindi)सिरदर्द होना (headache during pregnancy)थकान महसूस होना (garbhavastha me thakan)पेट फूलनाशरीर का तापमान बढ़ना (high body temperature in pregnancy in hindi)भोजन में अरुचि (bhojan me aruchi)कुछ खास खाने की इच्छा (food cravings in hindi)निप्पल का रंग बदलना (change in breast colour during pregnancy in hindi)


1. गर्भ ठहरने के लक्षण : मासिक धर्म में देरी (pregnancy symptoms in hindi : late periods in hindi)आमतौर पर महीना ना आना या मासिक धर्म में देरी (late periods in hindi) को गर्भ ठहरने के लक्षण (pregnancy symptoms in hindi) माना जाता है। हालांकि यह ज़रूरी नहीं कि गर्भावस्था की वजह से ही मासिक धर्म में देरी (late period) हो, लेकिन फिर भी ज्यादातर महिलाओं में मासिक धर्म (periods in hindi) में देरी गर्भ ठहरने के लक्षण होते हैं।अंडे के गर्भ की दीवार पर चिपकने के बाद हल्का रक्त निकलता है, जिसे कुछ लोग लेट पीरियड्स (late periods) समझ लेते हैं, जबकि इसे स्पॉटिंग (spotting in hindi) कहा जाता है। प्रेग्नेंट होने का यह लक्षण गर्भावस्था के चौथे हफ़्ते में नज़र आता है। अगर आपको स्पॉटिंग (spotting) हो रही है तो आप प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए गर्भावस्था की जाँच भी करवायें।

2. प्रेगनेंट होने के लक्षण : ब्राउन डिस्चार्ज और क्रैम्पिंग या ऐंठन (pregnant hone ke lakshan : brown discharge and cramping in hindi)


प्रेगनेंसी प्लानिंग (planning for pregnancy) करने वाले कपल्स को गर्भावस्था शुरू होने से पहले किये गये सेक्स के बाद गर्भ ठहरने के लक्षण के रूप में हल्का bledding spoting नज़र आती है। जब स्पर्म महिला के अंडे के साथ निषेचित होकर भ्रूण (fetus in hindi) या निषेचित अंडा (fertilised egg in hindi) बनता है, तब करीब एक से दो हफ़्तों में वह गर्भवती के गर्भाशय से जुड़ जाता है, इससे गर्भवती को हल्की ब्लीडिंग (bleeding in pregnancy) होती है।यह लक्षण गर्भ ठहरने के पहले हफ़्ते से चौथे हफ़्ते के बीच दिखाई देता है। अगर आपको गर्भ ठहरने का यह लक्षण ना नज़र आये तो परेशान ना हों, हर गर्भवती महिला के साथ ऐसा होना ज़रूरी नहीं है।


3. गर्भवती होने के लक्षण : जी मिचलाना या उल्टी (garbhavati hone ke lakshan : vomiting in hindi)

जी मिचलाना या जी घबराना (morning sickness in hindi) प्रेगनेंसी के लक्षण हैं। डॉक्टर्स के अनुसार लगभग 65 प्रतिशत से 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं जी घबराने से प्रभावित होती हैं। यह लक्षण प्रेगनेंसी के 4 से 6 हफ़्तों में नज़र आता है। इसका नाम मॉर्निंग सिकनेस है , इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि आपको यह समस्या सुबह के समय ही होती हैं। गर्भवती को दिन के किसी भी समय हो सकती है। कुछ महिलाओं को दूसरी तिमाही की शुरुआत में जी घबराना या उल्टी की समस्या से निजात मिल जाती है, वहीं कुछ पूरी गर्भावस्था के दौरान इससे परेशान रहती हैं।


4. गर्भ ठहरने के लक्षण : स्तनों में सूजन और दर्द (pregnancy symptoms in hindi : sore breast and breast pain in hindi)


प्रेगनेंसी का लक्षण स्तनों में दर्द होना (breast pain in hindi) भी है। गर्भवती को इस दौरान ब्रेस्ट में सूजन हैविनेस (breast heaviness in hindi) और संवेदनशील महसूस होता है। यह लक्षण गर्भावस्था के 4 से 6 सप्ताह में दिखाई देता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रॉन (progesterone in hindi) और एस्ट्रोजन हार्मोन (estrogen hormone in hindi) के स्तर में बदलाव आने की वजह से स्तनों में बदलाव आरम्भ होता है। आरामदायक ब्रा पहनने से स्तनों का दर्द कम हो जाएगा।


5. प्रेग्नेंसी के लक्षण : मूड स्विंग (pregnancy ke lakshan : mood swings in hindi)

अगर आपको मनोदशा या मूड में बदलाव महसूस होते हैं, जैसे अचानक बहुत खुश या उदास होना, इन्हें मूड स्विंग्स (mood swings in hindi) कहते हैं और ये प्रेग्नेंट होने के लक्षण हैं, ये गर्भ ठहरने के छठे हफ़्ते में दिखने लगता है। गर्भावस्था की शुरुआत में आपके शरीर में बड़े स्तर पर हार्मोन सम्बंधी बदलाव होते हैं, जिनसे आप मूड स्विंग्स (mood swings in hindi) महसूस करने लगती हैं। लेकिन इसे गर्भवती होने का सबूत ना समझें, गर्भावस्था की पुष्टि के लिए डॉक्टर से जाँच करवायें या प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi) की सहायता लें।


6. गर्भधारण के लक्षण : सिरदर्द होना (pregnancy symptoms in hindi : headache during pregnancy in hindi)

आपके सिर में दर्द होना भी गर्भावस्था के लक्षणों में एक हो सकता है, कई विशेषज्ञ इसे गर्भावस्था का प्रमुख लक्षण भी मानते हैं। लेकिन सिर में दर्द कई अन्य कारणों से भी हो सकता है, इसलिए खुद किसी नतीजे पर पहुँचने से पहले एक चिकित्सक से सलाह लें और बताई गई दवाएँ ही लें।


7. गर्भावस्था के लक्षण : थकान महसूस होना (garbhavastha ke lakshan : thakaan mahsoos hona)


गर्भावस्था की शुरुआत में ज्यादातर गर्भवती महिलाएं बहुत थका हुआ महसूस करती हैं। प्रेगनेंसी (pregnancy) के वक़्त शरीर में होने वाले बदलावों और प्रोजेस्ट्रॉन (progesterone) के स्तर के बढ़ने से गर्भवती को थकान होना गर्भ ठहरने के लक्षण हैं। यह गर्भावस्था के9वे हफ्ते में नज़र आता है।गर्भावस्था में आपका शरीर बच्चे के लिए खुद को तैयार करने लगता है और ऐसे में शुगर या बीपी (ब्लडप्रेशर/ blood pressure in hindi) सम्बंधी समस्याएं भी आपको थका सकती हैं। गर्भावस्था की शुरुआत और आखिरी समय में गर्भवती ज्यादा थका हुआ महसूस करती है।


8. गर्भधारण करने के लक्षण : पेट का बढ़ना (garbhavastha ke lakshan : pet ka badhna)


गर्भावस्था शुरू होने के साथ ही गर्भवती के शरीर में बड़ी मात्रा में हार्मोन (hormone in hindi) सम्बंधी बदलाव होने लगते हैं। गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर बढ़ने के कारण पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और भोजन जमा होने की वजह से गर्भवती को पेट बढ़ता हुआ महसूस होता है, यह प्रेगनेंसी का लक्षण है, जो कि गर्भ ठहरने के 4 से 6 हफ़्ते में नज़र आता है। अक्सर गर्भवती इस बढ़ते पेट को गर्भाशय में शिशु का विकास समझ लेती है, जो कि सही नहीं है।


9. गर्भ ठहरने के लक्षण : शरीर का तापमान बढ़ना (pregnancy ke lakshan : high body temperature in hindi)


अक्सर मासिक धर्म के समय महिलाओं के शरीर का तापमान (fever during pregnancy in hindi) बढ़ जाता है। लेकिन अगर आपके मासिक धर्म में देरी होने के बाद कई दिनों (10 दिनों से 18 दिनों) तक शरीर का तापमान ज्यादा महसूस हो तो यह प्रेगनेंसी का लक्षण है। आमतौर पर गर्भ का यह लक्षण गर्भावस्था के छठे हफ़्ते में दिखाई देता है।


10. प्रेगनेंसी के लक्षण : भोजन में अरुचि (pregnancy symptoms : bhojan me aruchi)


अगर आपको अचानक किसी खास तरह के भोजन में से गंध आने लगती है और आप उसे नापसन्द करने लगती हैं, तो ये गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं। इस दौरान कुछ गर्भवती महिलाएं मुँह के कड़वे स्वाद (bitter test) से परेशान रहती हैं, वहीं कुछ को दूध, अंडे या चाय आदि की खुशबू से परेशानी होती है और वो ऐसे भोजन से बचना पसन्द करती हैं। आमतौर पर यह गर्भावस्था की पहली तिमाही में ज्यादा दिखाई देता है।


11. गर्भ ठहरने के लक्षण : कुछ ख़ास खाने की इच्छा (pregnancy ke lakshan : food cravings in hindi)


गर्भावस्था की शुरुआत के समय गर्भवती को कुछ विशेष चीजें खाने की इच्छा (food cravings in hindi) हो सकती हैं, जैसे इमली, कच्चा आम, अमरूद, चॉकलेट, आइसक्रीम आदि खाने का मन हो सकता है।(pregnancy food cravings and pregnancy in hindi )। यह लक्षण गर्भ ठहरने के तीन माह बाद दिखाई देता है।कुछ महिलाओं को शरीर में आयरन एवं अन्य पोषक तत्वों की कमी की वजह से मिट्टी, कोयला आदि खाने का मन करता है, जिसे पीका सिंड्रोम (PICA syndrome in hindi) कहते हैं। गर्भवती को ऐसी चीजें ना खाने दें, ये माँ और बच्चे दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के आहार का विशेष ध्यान रखें, अन्यथा गर्भवती महिला के शरीर में पोषक तत्वों और विटामिन्स (vitamins and mineral in hindi) की कमी हो सकती है।


12. प्रेगनेंट होने के लक्षण : निप्पल का रंग बदलना (pregnant hone ke lakshan : change in breast colour in hindi)


ब्रेस्ट के चारों तरफ गहरे भूरे या काले रंग का एक घेरा होता है, गर्भवती होने पर गर्भवती महिला के स्तन के इस हिस्से का रंग गहरा हो जाता है, यह प्रेगनेंट होने के लक्षण है, जो कि गर्भ के11 वे हफ्ते में दिखाई देता है। लेकिन यह ज़रूरी नहीं की सभी गर्भवती महिलाओं के निप्पल के इस भाग (breast nipple) का रंग बदले।


घर पर गर्भावस्था की जाँच कैसे करें? (Ghar par garbhavastha ki janch kaise kare)

अक्सर महिलाएं अपनी गर्भावस्था के बारे में खुलकर बात करने में संकोच करती हैं। ऐसे में डॉक्टर के पास जाकर अपने गर्भवती होने की जाँच करवाना उन्हें बहुत मुश्किल लगता है, जबकि उनके लिए घर पर ही गर्भावस्था की जाँच करना आसान उपाय है। इसलिये अगर आपको गर्भ ठहरने के लक्षण जानकर अपनी गर्भावस्था की घरेलू जाँच करनी है तो कुछ घरेलू उपाय आज़मा कर देखें -

1. चीनी से गर्भावस्था की जाँच (sugar pregnancy test in hindi)


घरों में आसानी से मिलने वाली चीनी से प्रेगनेंट होने के लक्षण की जाँच की जा सकती है।

एक कटोरी में 1 चम्मच चीनी लें और उसमें एक चम्मच सुबह का पहला पेशाब मिलायें।अब चीनी और पेशाब की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें।अगर चीनी घुल जाये, तो आप गर्भवती नहीं हैं, लेकिन अगर चीनी के छोटे छोटे गुच्छे बन जायें और वो ना घुले तो आप गर्भवती हो सकती हैं।पेशाब में hCG हार्मोन (प्रेगनेंसी हार्मोन) की उपस्थिति चीनी को मूत्र में घुलने नहीं देती।



2. टूथपेस्ट प्रेग्नेंसी टेस्ट (toothpaste pregnancy test in hindi) जी हाँ, आप टूथपेस्ट से भी गर्भ ठहरने की जाँच कर सकती हैं। इसके लिए आपको सफेद टूथपेस्ट चाहिए ।

एक कटोरी या कप में दो चम्मच सफेद टूथपेस्ट लें और उसमें अपना सुबह का पहला पेशाब मिलायें।अगर टूथपेस्ट का रंग नीला या झागदार हो जाये तो आप गर्भवती हो सकती हैं।



3. सिरके से करें गर्भ की जाँच (vinegar pregnancy test in hindi)


एक प्लास्टिक के बाउल या कप और सफेद सिरके से भी आप गर्भ की जाँच कर सकती हैं।

प्लास्टिक के बर्तन में थोड़ा सिरका डालें।इसमें सुबह का पेशाब मिलायें और थोड़ी देर छोड़ दें।अगर सिरके का रंग बदलता है, तो आप गर्भवती हैं।


4. खाने के सोडा से गर्भावस्था की जाँच (baking soda pregnancy test in hindi)

खाने के सोडा से गर्भ ठहरने की जाँच ऐसे करें -

एक बाउल में दो चम्मच बेकिंग सोडा लें।इसमें सुबह के पेशाब का सैम्पल मिलायें।अगर आपको इसमें बहुत सारे झाग बनते हुए दिखाई दें तो आप गर्भवती हैं।
नोट :
सभी घरेलू जांचों के लिए सुबह का पहला पेशाब उपयोग में लें।इन जांचों से मिलने वाले नतीज़े 100 प्रतिशत सही नहीं होते, इसलिये डॉक्टर की सलाह लेना सबसे बेहतर है।


प्रेगनेंसी टेस्ट किट से गर्भावस्था की जाँच (pregnancy test by pregnancy test kit in hindi) आप घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट (pregnancy test kit in hindi) से गर्भवती होने की जाँच कर सकती हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi) सही तरह से करने के लिए निम्न चरण अपनायें -


प्रेगनेंसी टेस्ट किट आप किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकती हैं, अगर बाजार नहीं जा सकतीं तो किसी सहेली/दोस्त/परिचित से मंगवा लें।यह आपको 50 से 100 रुपये में आसानी से मिल जाएगा।प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर लिखे निर्देश ध्यान से पढ़ें और एक छोटे कप में अपना पेशाब इकट्ठा करें।आपके सुबह के पेशाब में hCG (यह एक प्रेगनेंसी हार्मोन है, जो गर्भावस्था की शुरुआत में बनने लगता है) की मात्रा अधिक पाई जाती है, इसलिए प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए सुबह का पेशाब उपयोग में लें।अगर आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करते वक़्त समय को लेकर असमंजस रहता है, तो अपना फोन साथ ले जाएं और समय देखें।प्रेगनेंसी टेस्ट किट (pregnancy test kit in hindi) पर लिखे निर्देशों को पढ़कर उनके हिसाब से ही प्रेग्नेंसी टेस्ट करें। इस तरह आपको सटीक परिणाम प्राप्त होने की अधिक उम्मीद होती हैं।
गर्भ ठहरने का पता लगाने का सबसे सही तरीका खून की जाँच करवाना है, डॉक्टर रक्त में hCG हार्मोन (प्रेगनेंसी हार्मोन) की मात्रा की जाँच करके गर्भावस्था के बारे में आपको 100 प्रतिशत सही जानकारी दे सकते हैं। इसलिए अगर संभव हो, तो डॉक्टर के पास जाकर गर्भावस्था की जाँच करवायें।

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