यह होती है वजह तुलसी के मुरझाने की
मुरझा रहा तुलसी का पौधा, इस बात का संकेत
1/5तो ऐसा ही पौधा है तुलसी
यह तो हम सभी जानते हैं कि पौधों में भी जीवन संचारित होता। यही नहीं इनके अंदर एक ऐसी विशेषता होती है। जिसे अगर समझ लिया जाए तो घर के सदस्यों पर आने वाले कष्टों की समय रहते ही जानकारी हो सकती है। ऐसा ही पौधा है तुलसी। जिसे सनातन धर्म में बड़ी ही श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। यही वजह है कि यह पौधा हर घर में पाया जाता है। आपने कभी गौर किया है कि तुलसी की अच्छी देखभाल के बावजूद भी वह अचानक सूखने क्यों लगती है? आखिर वह क्या संकेत देती है? आइए इस विषय पर ज्योतिष और वास्तु दोनों के ही जरिए विस्तार से जानते हैं….
2/5यह होती है वजह तुलसी के मुरझाने की
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर आपके घर में लगी तुलसी अचानक ही मुरझाने या सूखने लगे तो यह शुभ संकेत नहीं। समझ लें कि तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा है कि आपके घर में कुछ अनिष्ट चल रहा है या निकट भविष्य में होने वाला है। यानी कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई परेशानी आने वाली होती है तो उसके ताप को तुलसी स्वयं पर ले लेती हैं। इसके अलावा यह भी मानते हैं कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।
3/5लाल किताब में तुलसी के मुरझाने का कारण
ज्योतिषशास्त्र से संबंधित लाल किताब के अनुसार बुध को एक ऐसा ग्रह माना गया है जो अन्य ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव को व्यक्ति तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला है तो उसका असर बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं पर भी पड़ता है। वहीं कोई अच्छा फल मिलने वाला है तो उसका असर भी बुध ग्रह से जुड़ी चीजों पर दिखाई देगा। बुध ग्रह हरे रंग का कारक है। यही वजह है कि इसका प्रभाव तुलसी पर भी पड़ता है।
4/5वास्तुशास्त्र में तुलसी के बताए गए हैं विशेष लाभ
वास्तुशास्त्र में भी तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसके अनुसार घर में यदि किसी तरह की कलह या दोष हो तो तुलसी का पौधा ले आएं। इसे दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम, किसी भी स्थान में तक लगा सकते हैं। अगर संभव हो तो तुलसी के गमले को रसोई के पास रखें। इससे हर तरह के कलह से मुक्ति पाई जा सकती है। अगर संतान कहना न मानती हो तो तुलसी पूर्व दिशा में लगी खिड़की के सामने रख दें। ऐसा करने से संतान का व्यवहार सुधर जाता है। यहीं घर में आय के साधन कम होते जा रहे हैं तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखी तुलसी पर हर शुक्रवार कच्चा दूध और मिठाई का भोग लगाने के बाद उसे किसी सुहागिन स्त्री को दे दें। इससे व्यवसाय में सफलता मिलती है।
5/5केवल रामा-श्यामा ही नहीं ये भी होती हैं तुलसी
तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधों का जिक्र मिलता है। इनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, श्वेत तुलसी, भू तुलसी, राम तुलसी, नील तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी और ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से जानी जाती हैं। बता दें कि इन सबके गुण अलग-अलग और विशेष होते हैं। अगर नियमित रूप से रोज तुलसी की पत्तियां खाई जाएं तो ये कान, वायु, कफ, ज्वर, खांसी और दिल की बीमारियों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
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