किस दिशा में कौन सा कार्य करना उचित होता है वास्तु टिप्स हिंदी में बिना तोड़फोड़ भी वास्तु ठीक किया जा सकता है

वास्तु की 8 दिशाएं, किस दिशा कौन सा काम करना होगा लाभप्रद

  


अगर घर में रहती है कलह और आर्थिक तंगी

अगर आपके घर में वास्‍तुदोष हो तो विभिन्‍न प्रकार की समस्‍याएं पेश आने लगती हैं। छात्रों का परीक्षा में असफल होना, किसी काम में मन न लगना। आर्थिक रूप से कमजोर होते जाना। अपयश, अपमान और तनाव रहने लगता है। पति और पत्‍नी के बीच कलह होती है और परिवार के लोगों की आपसी सामंजस्‍य में कमी आने लगती है। ये सब समस्‍याएं घर के वास्‍तु में कमी होने के कारण आती हैं। वास्‍तु में सभी आठों दिशाओं का खास महत्‍व होता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि किस दिशा में कौन सा कार्य करना उचित होता है…

भोजन करने की सही दिशा

भोजन करने से हमें ऊर्जा प्राप्‍त होती है और अगर आप गलत दिशा में बैठकर भोजन करते हैं तो यही ऊर्जा आपके ऊपर नकारात्‍मक असर डालने लगती है। ध्‍यान रखें कि भोजन करते समय भोजन की थाली दक्षिण-पूर्व दिशा में रखी होनी चाहिए और आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। भोजन करने की सही दिशा आपकी ऊर्जा को सही कार्य की तरफ प्रवाहित करती है।

शयन की दिशा

शयन करते समय ध्‍यान रखें कि आप बेड को दक्षिण और उत्‍तर दिशा में रखें। बेड इस प्रकार से रखा जाना चाहिए कि शयन करते वक्‍त आपका मुख दक्षिण में हो और पैर उत्‍तर में हों। इससे आपकी नींद भी अच्‍छी आएगी और रात में डरावने सपने में भी नहीं आएंगे। दक्षिण में पैर करके सोने को अच्‍छा नहीं मानते। इससे आपके भाग्‍य में कमी आती है।

जब भी पूजा करें


पूजा के वक्‍त सही दिशा का चयन न सिर्फ आपको संपूर्ण फल प्रदान करता है बल्कि आपके ईष्‍टदेव की कृपा भी प्राप्‍त होती है। याद रखें क‍ि आप जब भी पूजा करें तो आपका मुख उत्‍तर-पूर्व या फिर उत्‍तर-पश्चिम की ओर करके बैठें। भगवान को स्‍थापित करने के लिए सबसे उपयुक्‍त स्‍थान उत्‍तर-पूर्व का कोना होता है, जिसे हम वास्‍त की भाषा में ईशान कोण मानते हैं।

जल के बहाव की दिशा

आपके घर में जल के बहाव की दिशा भी बहुत मायने रखती है। अगर जल का बहाव गलत दिशा में हो रहा हो तो वास्‍तु के दोष को दूर करके उत्‍तर-पूर्व दिशा में जल की टंकी बनवाकर उसी से पानी की सप्‍लाई पूरे घर में करें। ऐसा करने से वास्‍तुदोष दूर हो जाएगा। वास्‍तु के हिसाब से ऐसा माना जाता है कि नौकरी और करियर में असफलता, रोग, शोक और गरीबी आदि समस्‍याओं की उत्‍पत्ति घर में पानी के गलत बहाव से होती है।

यह भी है दोष

अगर आपके घर में पूर्व-उत्‍तर दिशा का भाग ऊंचा है तो यह एक दोष है। इस दोष को दूर करने के लिए दक्षिण-पश्चिम भाग में कोई भी निर्माण करवा दें। निर्माण ऐसा होना चाहिए कि पूर्व-उत्‍तर दिशा का भाग नीचा हो जाए। इस प्रकार किसी भी प्रकार तोड़फोड़ के बिना ही आप ऐसे वास्‍तुदोष को दूर कर सकते हैं।


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