21 जून रविवार, सूर्य ग्रहण में इन चीजों का भूल कर भी न करें प्रयोग, गर्भवती महिलाएं करें ये उपाय

सूर्य ग्रहण में इन चीजों का भूल कर भी न करें प्रयोग, गर्भवती महिलाएं करें ये उपाय


21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण लग रहा है. मिथुन राशि में पड़ने वाले इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल कुछ ही घंटों में शुरू होने जा रहा है. इस बार का ग्रहण शक्तिशाली और कई मायनों में विशेष है. ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे जिनका परिणाम शुभ नहीं माना जा रहा है. सूर्य ग्रहण का सभी पर प्रभाव डालता है.यहां जानें सूर्य ग्रहण से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी.

🌒21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण को क्यों कहा जाता है कंकण सूर्यग्रहण? वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है इसमें पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है. जिससे सूर्य का पूरा या आंशिक प्रकाश धरती पर नहीं पड़ता है. इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं. जब सूर्य पूरी तरह ढक जाता है और रोशनी सूर्य के चारों ओर से एक रिंग या कंगन की तरह दिखने लगती है तो उसे कंकण सूर्यग्रहण या खग्रास कहते हैं और जब सूर्य का कुछ हिस्सा ही ग्रहण के दौरान ढक जाता है तो उसे आंशिक या खंडग्रास ग्रहण कहते हैं.

🌒भारत के संदर्भ में सूर्य ग्रहण का ये रहा सही टाइम: 21 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में 3 घंटे 25 मिनट तक का होगा. जो कि भारत में 21 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा. 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर होगा और 1 बजकर 49 मिनट पर ग्रहण खत्म होगा.
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पूजा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
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🌒सूर्यग्रहण के सूतक काल की उलटी गिनती कुछ ही घंटों बाद हो जायेगी शुरू. उसके पहले निपटा लें अपने महत्वपूर्ण कार्य. सूतक कल 20 जून यानी आज रात 09.52 बजे शुरू होगा और सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद ख़त्म होगा.

🌒गर्भवती महिलाओं को ग्रहण का दर्शन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. उन्हें सब्जी नहीं काटना चाहिए, कपड़ा काटने , सिलाई करने, तेल मालिस करने या करवाने, सोने या घर से बाहर निकलने से बचना चहिये.

🌒सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती माताओं को ‘संतान गोपाल मंत्र’ का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से विद्वान, सुशील और विवेकवान संतान की प्राप्ति होती है.

🌒सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र, गुरु मंत्र, नारायण मंत्र का जप और ध्यान करना सर्वोत्तम माना गया है. ऐसा करने से सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं. सूर्य ग्रहण के होने बाद दान देने से आर्थिक प्रगति होती है.

🌒सूर्य ग्रहण के समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिये. सूर्य ग्रहण के समय किसी भी घातक और धारदार चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यानि कि इस दिन चाकू, छुरी,ब्लेट, शेविंग मशीन, दरांती, खुरपी, फावड़ा, हल जैसी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही जिन राशियों पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव पड़ने जा रहा है उन्हें भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए. गेरू अथवा गाय के गोबर का पेट पर लेप करना चाहिए.

🌒20 जून यानि आज की रात 9 बजकर 52 मिनट से सूतक काल आरंभ होगा. सूतक काल बहुत महत्वपूर्ण काल होता है. इसका पूरा पालन करना चाहिए. सतूक काल का पालन करने से सूर्य ग्रहण की अशुभता से बचा जा सकता है. पौराणिक मान्यता है कि सूतक के समय किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. यहां तक कि कई मंदिरों के कपाट भी इस दौरान बंद कर दिए जाते हैं. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इस दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए.

🌒21 जून का सूर्य ग्रहण शक्तिशाली ग्रहण है इसलिए इस खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. शास्त्रों में सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखना वर्जित माना गया है. ज्योतिष शास्त्री और वैज्ञानिक भी मानते हैं कि सूरज को आमतौर पर भी खाली आंख से नहीं देखना चाहिए. नेत्र विशेषज्ञों की मानें तो डायरेक्ट सूरज को देखने से आंखों में मौजूद लेंस सूरज की रोशनी को रेटिना पर फोकस करता है. ये रोशनी इतनी ताकतवर होती है रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.

🌒सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मिथुन राशि पर पड़ेगा.सूर्य ग्रहण के समय मंगल जलीय राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु पर अपनी दृष्टि डालेंगे. जिससे अशुभ स्थिति बनेगी. वहीं सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह शनि, गुरु, शुक्र और बुध व्रकी रहेंगे. ग्रह जब व्रकी होते हैं तो पीड़ित माने जाते हैं. इस स्थिति में इन ग्रहों की शुभता में कमी आती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु केतु सदैव व्रकी रहते हैं. इस तरह से ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे.

🌒सूर्य ग्रहण से पहले मेष, मिथुन, सिंह, तुला, मकर और धनु राशि वालों के अगर कोई कार्य अधूरे पड़े हुए हैं तो उन्हें आज ही निपटाने की कोशिश करें. 21 जून को सूर्य ग्रहण लग रहा है. जिसका सूतक काल आज रात से आरंभ होगा. इसलिए दिन में ही अधूरे कार्य को पूर्ण कर लें. यह आपके लिए शुभ रहेगा. क्योंकि सूतक काल और ग्रहण के दौरन कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 09:52 बजे से शुरू होगा.सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते.सूतक के दौरान किए गए शुभ कार्यों के परिणाम अशुभ आते हैं.सूर्य पर ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मिथुन राशि पर रहेगा. इसलिए मिथुन राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

🌒सूतक एवं ग्रहण काल में अनावश्यक खाना-पीना, निद्रा, तेल मर्दन, झूठ बोलना, वृथा अलाप करना, नाखून काटना वर्जित है. इसलिए इन चीजों से परहेज करना चाहिए. रोगी, वृद्ध, बालक और गर्भवती स्त्रियों को आवश्यकतानुसार भोजन और दवा देने में कोई दोष नहीं है.

🌒सूर्य ग्रहण ख़त्म होने के बाद पवित्र नदी में या गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद पूजा पाठ करनी चाहिर और दान देना चाहिए . इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम हो जाता है.

🌒लोगों की ऐसी मान्यता है कि सूर्यग्रहण के दौरान पूजा पाठ और कोई भी धार्मिक कार्य नहीं करना चाहिए, मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए. कुछ भी खाने से बचना चाहिए. खाने -पीने वाली चीजों जैसे दूध, दही, घी और जल में तुलसी के पत्ते को डाल कर रखना चाहिए जिससे ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सके.

🌒दिल्ली-NCR में दिखेगा आंशिक सूर्यग्रहण: सूर्यग्रहण एक रोचक खगोलीय घटना है. वैज्ञानिकों के अनुसार , 21 जून 2020 को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा. परन्तु कहीं पर यह आंशिक रूप से तो कहीं पूर्ण ग्रहण के रूप में दिखाई देगा. जहाँ तक दिल्ली-NCR की बात करें तो यह सूर्य ग्रहण यहाँ पर आंशिक रूप से दिखाई पड़ेगा. यह 21 जून की सुबह 10:20 बजे से शुरू होगा.

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नीचे दी गई राशियों के लिये यह ग्रहण लाभदायक होगा

मेष, सिंह, मीन और कुछ हद तक वृश्चिक

इन राशि वालों के लिए हानिकारक होगा

वृष, मिथुन, कर्क, तुला, कन्या, धनु, मकर और कुंभ

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