किस दिशा में हो मुख्य द्वार/ दिशा और दशा/Robineetu

 

किस दिशा में हो मुख्य द्वार
वास्तुशास्त्र के अनुसार चारों दिशाएं शुभ मानी गई हैं. इसलिए किसी वास्तु विशेषज्ञ (Vastu Expert) की देख-रेख में मुख्य द्वार का निर्माण कराया जा सकता है. कभी भूलकर भी दक्षिण-पूर्व (South-East) और दक्षिण-पश्चिम (South-West) दिशा की ओर प्रवेश द्वार नहीं बनवाना चाहिए. दक्षिण-पूर्व की ओर प्रवेश द्वार होने पर घर में चोरी, परिवार में झगड़े की आशंका बनी रहती है. साथ ही घर के सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. वहीं दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार होने से घर के मुखिया को दुखों का सामना करना पड़ता है.

मुख्य द्वार की दशा
ध्यान रखें कि मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां न हों. ऐसा होना अशुभ होता है. यह द्वार भीतर की ओर खुलना चाहिए. ध्यान रहे कि इस दरवाजे से कोई आवाज नहीं आनी चाहिए. संभव हो तो घर में दो प्रवेश द्वार बनवाएं. बड़ा प्रवेश द्वार वाहन के लिए और दूसरा लोगों के आने-जाने के लिए. इस द्वार के सामने कोई गड्ढा या सीधा रास्ता नहीं होना चाहिए. घर के सामने कचरा घर और टूटी फूटी इमारतें भी नहीं होनी चाहिए.

वास्तु के खास टिप्स
1. प्रवेश द्वार साफ-सुथरा और आकर्षक होना चाहिए.
2. घर के ठीक सामने कोई पेड़, लता, दरख्त आदि न हो. इनसे पड़ने वाली छाया निराशा उत्पन्न करती है.
3. मुख्य द्वार पर अंधेरा नहीं होना चाहिए. अंधेरा दूर करने के लिए फेंगशुई लैंप (Fengshui Lamp) या क्रिस्टल बॉल (Crystal Ball) का इस्तेमाल करना चाहिए. फेंगशुई के ये गैजेट (Gadget) घर से नकारात्मक शक्ति को बाहर करके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं.
4. स्वास्तिक बनाना- लाल और नीले रंग का स्वास्तिक मुख्य द्वार पर काफी फायदेमंद होता है. घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर लाल स्वास्तिक व बीच में नीला स्वास्तिक शुभकारी माना गया है.
5. गणपति का मुख - गणपति जी का मुख प्रवेश द्वार पर अंदर की ओर लगाना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि गणेश जी की पीठ की ओर दरिद्रता और पेट की ओर संपन्नता होती है. इसीलिए अंदर की तरफ गजानन का मुख लगाएं.
6. कलश की स्थापना - मुख्य द्वार पर कलश रखना बहुत शुभ होता है. ध्यान रखें कि कलश का मुंह खुला यानी संकरा न हो. इसमें शुद्ध जल भरकर द्वार के पास रखें. इसे पूजा स्थल पर भी स्थापित करें, यह बहुत सुखकारी होता है. यह घर की शांति और संपन्नता का प्रतीक होता है.

7. अशोक, आम या नीम के पत्तों की माला या वंदनवार लगाना - घर के मुख्य द्वार पर अशोक, आम या नीम के पत्तों की वंदनवार अंदर की ओर लगाना शुभ फल देने वाला माना जाता है. आम के पत्तों का वंदनवार सबसे बेहतर माना जाता है.
8. घोड़े की नाल - इसका संबंध शनि से है. घोड़े की नाल को मुख्य द्वार पर गाड़ने से नकारात्मक शक्ति बेअसर हो जाती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है. इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
9. तुलसी का पौधा - तुलसी का पौधा घर के मुख्य द्वार के सामने या घर के आंगन में लगाकर पूजा करके दीया जलाने से घर के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Nails care and cleaning

मासिक शिवरात्री 11 सितंबर 2023

Param Ekadasi (Adhik Mas): Saturday, 12 August 2023