भगवान की इन मूर्तियों की नहीं करनी चाहिए पूजा, जानिए क्यों?

 

भगवान की इन मूर्तियों की नहीं करनी चाहिए पूजा, जानिए क्यों?





हिंदू धर्म के लगभग सभी के घर में भगवान की मूर्तियां होती हैं, जिनकी हम पूजा करते हैं। कई ऐसे भी घर हैं जिन्होंने अपने घर में मंदिर बनवा रखा है, लेकिन क्या आपको पता है कि हमें अपने घरों या मंदिरों में किन मूर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए? भगवान की मूर्ति रखने और पूजा करने से घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। साथ ही घर के लोगों की मानसिक स्थिति भी ठीक रहती है। लेकिन हर मूर्ति आपको सुख व समृद्धि नहीं देती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कुछ प्रकार की मूर्तियों को रखने से आपके जीवन में कई तरह के कष्ट और दुख आ सकते हैं। ऐसी मूर्तियों को तुरंत घर से हटा देना चाहिए। आइए जानते हैं किस प्रकार की मूर्तियों की पूजा घर या मंदिर में नहीं करनी चाहिए?
एक भगवान की दो मूर्तियां
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा वाले मंदिर में एक ही देवता की दो तरह की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। ऐसा रखने से घर में कलेश और झगड़ा बढ़ता है और आपस में तनाव बना रहता है। यदि आपके घर में एक ही भगवान की दो मूर्तियां हैं तो दोनों को आमने-सामने रखें।
खंडित मूर्ति
कई बार लोग घरों में टूटी हुई मूर्ति को रखते हैं। जिसके पीछे उनकी आस्था या किसी की गहरी भावना जुड़ी हुई होती है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार खंडित मूर्तियों के दर्शन और पूजा का कोई भी फल नहीं मिलता है। बल्कि अपशकुन होने की संभावना भी रहती है। ऐसी खंडित मूर्तियों को किसी पेड़ के नीच रख देना चाहिए।

युद्ध करने वाली मूर्ति
मंदिर में किसी भी ऐसी मूर्ति या देवता के दर्शन नहीं करने चाहिए जिसमें वे युद्ध कर रहे हों या किसी को मार रहे हों। वास्तु के अनुसार इससे इंसान का स्वभाव गुस्से वाला और हिंसक बनता है।
मूर्तियों के मुख
मूर्तियों के मुख शांत और हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में होना चाहिए। उदास व गंभीर मुद्रा वाली मूर्तियां आपके ऊपर गलत असर डालती है। जिस वजह से आपके अंदर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पीठ दिखना
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान की पीठ दिखना शुभ नहीं होता है। कई बार हम मंदिर में मूर्तियों को इस तरह से रखते हैं जिससे एक तरफ से उनकी पीठ दिख रही होती है।

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