तुलसी माता and married life

   Hello friends,
        अगर आपकी और आपके पति के बीच नही बनती हैं तो इस पोस्ट को जरूर से पढ़े।


आज की इस पोस्ट में मैं तुलसी माता के बारे में बात करने करने वाली हु।मतलब की तुलसी माता कोन हैं, क्या है, उन्हें क्यों पूजा जाता हैं, उनके पत्तो का सेवन लाभकारी क्यों होता हैं। और तुलसी माता और हमारे दाम्पत्य जीवन के बीच क्या रिलेशन हैं। ऐसे अनगिनत सवालो के उत्तर इस पोस्ट में मिल जाएंगे।
 


        जैसा कि आप सब जानते हो कि इस वेबसाइट पर मैं अपने पर्सनल experience शेयर करती हूं और अपनी knowledge, तो यहाँ जो भी मैं लिखने वाली हु वो मेरा personal experience हैं।



तुलसी माता कौन हैं:

      तुलसी माता विष्णु भगवान की बहुत बड़ी भगत हैं। वो एक वैद थी। जिनकी शादी एक राक्षस से हो गई थी। एक ऐसे राक्षस से जो तुलसी माता की तरफ देखता तक नही था,पर तुलसी माता अपना पति धर्म बड़ी श्रद्धा और ईमानदारी से निभाती थी। पहले ऐसा हुआ करता था कि पतिव्रता स्त्री के पति को भगवान भी नहीं हाथ लगा सकते होते थे।जिसके कारण सभी भगवान उनके आगे कुछ नहीं कर पा रहे थे तब सभी भगवान ने मिलकर तुलसी माता का धर्म खराब करने की सोची जिसके लिए भगवान विष्णु ने उनके पति का रूप लिया और उनके साथ रहने लगे।जिसकी वजह से उनका धर्म खराब हो गया और उनके पति को भगवान ने मार गिराया। तब तुलसी माता ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि जैसे मैं अपने पति से दूर हुई वैसे ही आपको भी होना होगा, आपको भी अपने प्यार के लिए तरसना होगा, आपका प्यार भी कभी पूरा नही होगा।और ये कह कर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
       


        उधर दूसरी तरफ भगवान विष्णु तुलसी माता के पति धर्म से बहुत खुश थे या ये कहु की उन्हें तुलसी माता से सच मे प्यार हो गया था।और उनके चले जाने के बाद उन्होंने सब काम करना छोड़ दिया जिसकी वजह से संसार का कार्य रुक गया तब भगवान शिव ने तुलसी माता को बीज के रूप में बो दिया और वाह से तुलसी माता का एक पौधे के रूप में जन्म हुआ। औऱ भगवान शिव ने उनको पुनः जन्म दिया राधा जी के रूप में । तभी संसार में उनका प्रेम तो हैं पर वो उनकी पत्नी नही बनी कभी जबकि श्री कृष्ण भगवान की बहुत सी पत्निया थी।
   राम जी वाले युग में रामजी को सीता जी से दूर भी होना पड़ा था। और राधा जी के रूप में अपने प्यार भी कभी पूरा नही हुआ।

  तो ये थी तुलसी माता की कहानी।


चूंकि तुलसी माता एक वैद थी इसलिए वो एक जड़ी बूटी हैं जो आज भी बहुत से रोगों को दूर करती हैं।औऱ उनकी पूजा सेवा करने वाले को अपना प्यार जरूर मिलता हैं क्योंकि एक वो ही ह जो जीवन भर अपने पति के प्रेम के लिए तरसती रही सो उनकी पूजा सेवा करने वाले को अपने पति का साथ जरूर मिलता हैं।

    चूँकि अभी कार्तिक का महीना चल रहा है और इस कार्तिक मास मे तुलसी माता की सेवा करना बहुत अच्छा माना जाता हैं।सो इस कार्तिक मास में दोनों टाइम दिया लगाइये और जल चढ़ाइए आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।



I Hope aapko mera ye post pasand aaya hoga.
   बस ध्यान रहे कि रात में तुलसी जी को हाथ नही लगाते और रविवार को भी।

    I Hope aapkey liye ye post informative rahi hogi.aur aapki bahut si problem ka solution bhi aapko mila hoga.
     To miltee hu next Post me with a new post.

     "Jai tulasi maa"


  



  

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