8 November : चंद्र ग्रहण सूतक व ग्रहण का समय क्या करें क्या न करें ग्रहण में भोजन क्यों नही खाते

 8 November: चंद्र ग्रहण: सूतक काल व ग्रहण का समय क्या रहेगा ग्रहण काल में क्या करे क्या न करें ग्रहण पड़ने पर भोजन क्यों नही खाते है

 सभी पके हुए भोजन में डाल दे तुलसा जी का दल 


साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन लगा था। वहीं आखिरी चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद देव दिवाली के दिन यानी 08 नवंबर को लगने जा रहा है

08 नवंबर को कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के दिन चंद्र ग्रहण लगने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं चंद्रग्रहण की तिथि, समय और सूतक काल...



साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण कब है?

साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 नवंबर को शाम करीब 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। 


चंद्र ग्रहण 2022 का सूतक काल 


चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का समय ग्रहण के शुरू होने के 9 घंटे पहले लग जाता है। ये चंद्र ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इसलिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। 


चंद्र ग्रहण कब लगता है?

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है, तो चंद्र ग्रहण होता है। वैसे तो चंद्र और सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन ज्योतिष में शास्त्र में भी इसका बहुत अधिक महत्व माना गया है


चंद्र ग्रहण पर बरतें यह सवाधानियां

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण को एक अशुभ माना जाता है, जो हमारे जीवन पर नकारात्मक असर डाल सकता है. इसलिए ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कई उपाय बताएं गए है. जिससे कारण ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.



ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. ग्रहण लगने के कुछ समय पहले खाद्य पदार्थों में कुश या तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें और ग्रहण के खत्म होते ही इसे घर के बाहर फेंक दें. चंद्र ग्रहण के बाद सबसे पहले स्नान करें और उसके बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें.


जानें खास बातें-Chandra grahan

 

- मान्यतानुसार चंद्र ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी एक ही क्रम में होते हैं, जिसके कारण चंद्र ग्रहण लगता है। 

 

- हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रहण के समय कुछ ऐसी बातें सावधानियां रखने योग्य होती है, जिन्हें ग्रहण काल के समय अवश्य ही रखनी चाहिए।


- चंद्र ग्रहण के बाद नियम का पालन एवं दान करने का विशेष महत्व माना जाता है।

 

- चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। 

 

- ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है, जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।

 

- चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए।


- सूतक लगने के बाद पूजा पाठ न करें। 

 

- ग्रहण के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है। 

 

- चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें।

 

- मंदिर अथवा घर के मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें। नैवेद्य या भोजन अर्पि‍त नहीं किया जाता है। 


 

- दातून न करें। 

 

- कठोर वचन बोलने से बचें। 

 

- बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें। 

 

- घोड़ा, हाथी की सवारी न करें। 

 

- ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें।

 

- कैंची का प्रयोग न करें।

 

- घास, लकड़ी एवं फूलों को तोड़ने की मनाही है।

 

- यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें। 


गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें। 

 

- शयन और यात्रा न करें। 

 

चंद्र ग्रहण के बाद कुछ खास चीजों का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचाव होता हैं। 


जो चीज चंद्रमा के एक पूर्ण चक्र के दौरान 28 दिनों में होती है, वह चंद्रग्रहण के दौरान ग्रहण के दो से तीन घंटे के भीतर सूक्ष्म रूप में घटित होती है। ऊर्जा के अर्थों में पृथ्वी की ऊर्जा गलती से इस ग्रहण को चंद्रमा का एक पूर्ण चक्र समझ लेती है। पृथ्वी ग्रह में कुछ ऐसी चीजें घटित होती हैं, जिससे अपनी प्राकृतिक स्थिति से हटने वाली कोई भी चीज तेजी से खराब होने लगती है।


 


इसलिए पका हुआ भोजन किसी सामान्य दिन के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से एक सूक्ष्म रूप में सड़न के चरणों से गुजरता है। अगर आपके शरीर में भोजन मौजूद है, तो दो घंटे के समय में आपकी ऊर्जा लगभग अट्ठाइस दिन बाद की अवस्था में पहुंच जाएगी।


यही वजह है कि कच्चे फलों और सब्जियों में कोई बदलाव नहीं होता, जबकि पका हुआ भोजन ग्रहण से पहले जैसा होता है, उसमें एक स्पष्ट बदलाव आता है। जो पहले पौष्टिक भोजन होता है, वह जहर में बदल जाता है। जहर एक ऐसी चीज है जो आपकी जागरूकता को नष्ट कर देता है। अगर वह आपकी जागरूकता को छोटे स्तर पर नष्ट करता है, तो आप सुस्त हो जाते हैं। अगर वह एक खास गहराई तक आपकी जागरूकता नष्ट कर देता है, तो आप नींद में चले जाते हैं। अगर कोई चीज आपकी जागरूकता को पूरी तरह नष्ट कर देता है, तो आपकी मृत्यु हो जाती है। सुस्ती, नींद, मृत्यु – यह बस क्रमिक बढ़ोत्तरी है। इसलिए पका हुआ भोजन किसी सामान्य दिन के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से एक सूक्ष्म रूप में सड़न के चरणों से गुजरता है।

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