Kaise pta chalega ki delivery ka smay ho gaya h...कैसे जाने प्रसव समय हो गया है।

प्रसव होने के लक्षण------
प्रसव के लक्षण, डिलीवरी होने के संकेत, प्रसव से पहले बॉडी में आने वाले बदलाव, प्रसव शुरू होने के लक्षण, प्रसव के लिए टिप्स, Signs of Labor pain, Labor pain tips 👇

पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं के मन में जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आने लगता है तो बेचैनी बढ़ने लगती है। क्योंकि उनके मन में कुछ सवाल होते हैं जैसे की -------

उन्हें कैसे पता चलेगा की उनका प्रसव का समय आ गया है, दर्द कितना होगा, आदि। ऐसे में आपको घबराने की जरुरत नहीं होती है क्योंकि प्रेग्नेंट महिला का शरीर अपने लिए प्रसव को डिलीवरी से पहले तैयार करने लगता है,

जिससे की आप अंदाजा लगा सकती है की प्रसव होने वाला है। ऐसे बहुत से लक्षण और संकेत आपकी बॉडी में दिखने लगते हैं ।

प्रसव के लक्षण>>>

प्रसव का समय नजदीक आने पर बच्चा भी अधिक मूव करने लगता है, जिससे आप नौवे महीने में जान सकते हैं की आपको प्रसव होने वाला है। इसके अलावा और भी बहुत से ऐसे लक्षण होते हैं आइये उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

बच्चे का भार नीचे आना>>>>

प्रसव का समय नजदीक आने पर बच्चे का भार नीचे की तरफ होने लगता है, क्योंकि वो अपनी सही पोजीशन में आने लगता है। ऐसा होने पर आपको ब्रेस्ट के नीचे काफी हल्का महसूस होता है।

 साथ ही बच्चे का भार नीचे का तरफ होने पर मूत्राशय पर दबाव भी पड़ता है जिसके कारण आपको बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होने लगती है।


दर्द का अनुभव होना>>>


पेट में हल्का फुल्का दर्द का अनुभव होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है, लेकिन आखिरी दिनों में पेट के निचले हिस्से में दर्द का अधिक अनुभव होना गर्भाशय में संकुचन होने के कारण होता है।


ऐसे में यदि यह दर्द असहनीय होता है तो इसके लिए आपको एक बार डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। क्योंकि यह प्रसव के दौरान होने वाली लेबर पेन भी हो सकती है।


गर्भाशय ग्रीवा का बढ़ना>>>


गर्भाशय की ग्रीवा जब पूरी तरह से खुल जाती है तभी महिला की डिलीवरी होती है, ऐसे में आपको नौवे महीने में डॉक्टर से चेकअप के दौरान यह पता चलता रहता है।


यदि कभी आपको ऐसा महसूस होता है की गर्भाशय में बाहर की तरफ फैलाव हो रहा है, और पेट के निचले हिस्से में अधिक दबाव महसूस होता है, तो यह भी लेबर पेन का संकेत होता है।


प्राइवेट पार्ट से पानी का निकलना>>>


वैसे प्रेगनेंसी के दौरान महिला के प्राइवेट पार्ट से पानी निकलना आम बात होती है। लेकिन यदि आपको यह तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में प्राइवेट पार्ट से बहता हुआ महसूस होता है।


तो यह एमनियोटिक थैली के फटने का संकेत होता हैं जिसका मतलब होता है की आपका डिलीवरी का समय नजदीक आ गया है।


बार बार बाथरूम में जाना>>>


बच्चे का भार नीचे की तरफ आ जाने के कारण मूत्राशय पर दबाव पड़ता है जिसके कारण बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है। ऐसे में प्रोस्टैगलैंडइन हॉर्मोन भी बढ़ने लगता है जिसके कारण आपको घबराहट व् दस्त की समस्या भी अधिक होने लगती है


जिसके कारण आपको लेबर पेन हो सकता है। ऐसा अधिक होने पर एक बार आपको तुरंत डॉक्टर से जरूर राय लेनी चाहिए।


रक्त स्त्राव>>>


कुछ महिलाओं को डिलीवरी से पहले वजाइनल डिस्चार्ज के साथ रक्तस्त्राव भी होने लगता है, ऐसा ज्यादातर उन महिलाओं के साथ होता है जिन्हे समय से पहले प्रसव होने वाला होता है।

ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि आपको इस समस्या से निजात दिलाने के साथ प्रसव को समय से पहले होने से रोकने में मदद मिल सके।


कमर में दर्द>>>


कमर के निहले हिस्से में बहुत अधिक खिंचाव महसूस होना, और दर्द का लगातार बढ़ना भी प्रसव पीड़ा का संकेत होता है। ऐसे में आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।


संकुचन अधिक होना>>>


यदि आपको गर्भशय में थोड़ी थोड़ी देर में अधिक संकुचन होने लगता है, और धीरे धीरे यह और तेजी से होने लगता है तो यह इस बात का संकेत होता है की गर्भाशय की ग्रीवा खुल रही है और डिलीवरी का समय नजदीक है।


पेट के आकार में बदलाव आना>>>


जैसे जैसे प्रसव का समय आता है पेट का आकार बदलता है, क्योंकि बच्चे के दबाव नीचे की तरफ होने लगता है। और जब आपको ऐसा महसूस होने लगे तो समझ लीजिये की बच्चा धीरे धीरे अपनी पोजीशन ले रहा है और उसका प्रसव का समय नजदीक आ रहा है।

तो यह हैं कुछ खास लक्षण जिनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं की आपकी डिलीवरी का समय पास आ गया है, इसके अलावा


यदि आपको डॉक्टर के अनुसार दी गई डेट पर भी कुछ अहसास नहीं होता है तो इसके लिए डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए। और यदि नौवें महीने में कुछ भी अलग संकेत या परेशानी आपके शरीर में दिखाई दे तो इसके लिए एक बार डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।🙏🙏🙏

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